फिर हो सकता है उच्च हिमालयी क्षेत्र में खाद्यान्न संकट

बागेश्वर। जिले के उच्च हिमालयी क्षेत्र में अगले महीने से हिमपात के कारण आवागमन बाधित होने लगेगा। इससे पहले बारिश के दौरान सड़कें बंद होने पर राशन और अन्य वस्तुओं की किल्लत पैदा हो गई थी। इस बार भी अभी तक अग्रिम भंडारण के लिए रिलीज आर्डर (आरओ) नहीं बना है। यदि समय रहते वहां आवश्यक चीजों का भंडारण नहीं हुआ तो पिछले संकट की पुनरावृत्ति हो सकती है।
कपकोट तहसील के उच्च हिमालयी क्षेत्र के गांवों के लिए नवंबर, दिसंबर और जनवरी का खाद्यान्न भंडारण नवंबर प्रथम सप्ताह में हो जाता है। इसके लिए अक्तूबर में आयुक्त खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग से आरओ कट जाता था, लेकिन इस बार 26 अक्तूबर तक आरओ नहीं कटा है। यदि समय पर भंडारण नहीं हुआ तो पिंडर पार के किलपारा, बदियकोट, बाछम, झूनी, खलझूनी, खाती आदि गांवों के लोगों को जाड़ों में भी खाद्यान्न संकट से जूझना पड़ सकता है। बरसात से पूर्व पिंडर पार के गांवों में खाद्यान्न भंडारण समय पर नहीं हो सका था। बाद में आपदा आने पर पिंडर नदी पर बने पुल बह गए और खाद्यान्न संकट गहरा गया। सरकार को हेलीकाप्टर से क्षेत्र में राशन भेजना पड़ा। जिसकी ढुलाई सामान्य दिनों की ढुलाई से कई गुना अधिक देनी पड़ी। इसके बावजूद भी सरकार खाद्यान्न भंडारण के प्रति गंभीर नहीं है। यह खाद्यान्न अंत्योदय, बीपीएल और एपीएल कार्ड धारकों के लिए होता है।

आठ गोदामों में होता है भंडारण
बागेश्वर। कपकोट तहसील के खाती, बाछम, उंगिया, कर्मी, तलई, बघर, बदियाकोट और मल्खाडुंगर्चा गोदामों में अग्रिम खाद्यान्न रखा जाता है। क्षेत्र के लोग भंडारण के लिए चिंतित हैं

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